" दूसरे व्यक्ति की वास्तविकता उसमें नहीं है जो कुछ वह तुम पर व्यक्त करता है बल्कि उसमें है जो कुछ वह तुम पर व्यक्त नहीं कर पता ...
इसलिए यदि तुम उसे जानना चाहते हो तो उसकी उन सब बातो को न सुनो जो वह सुनाता है , बल्कि उन बातो को समझो जिन्हें वह नहीं कहता..II "
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