Tuesday, February 8, 2011

बस तू ही तू

एक टक
  तेरी रह पे
एक रट
  तेरे नाम का
हर ख्याल
  तेरी याद में
हर नजर
  तेरे रूप को
हर कदम
  तेरे साथ को
हर सुबह
  तू साथ हो
हर शाम 
  तू पास हो
तेरे बिना
  ना जी लगे 
तेरी क़सम 
  तू ख़ास है
तू दूर है
  पर पास है
तू दूर जा
  तो मेरे साथ
तू पास आ
  तो मेरे पास
मै खफा
  नहीं - नहीं 
कोई खता
  ना हो कभी
तू जुदा
  ना हो कभी
इक नशा
  तरी नज़र
हर अदा पे
  तेरा असर
तू है तो
  खुश हूँ मै
जो तू नहीं
  तो कुछ हूँ मै
है सब जगह
  तनहाइयाँ
उफ़ ये क्या
  है हो गया
मै कहा
  हूँ खो गया
कोई मुझे
  बता सके
कि तू मुझे
  बचा सके
है तुमसे कुछ
  कहना मुझे
है तेरे संग
  रहना मुझे
कुछ तो कर
  तू कुछ तो कर
मेरे संग जी
  या संग मर
संग जी या संग मर..........

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